नई दिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने राजधानी नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में हाल ही में सरकार द्वारा बनाए गए तीन तलाक कानून को लेकर अपने विचार रखे। शाह ने कहा कि कोई भी कुप्रथा हो, जब उसे निर्मूल किया जाता है तो उसका विरोध नहीं होता बल्कि उसका स्वागत होता है। लेकिन तीन तलाक कुप्रथा को हटाने के खिलाफ इतना विरोध हुआ. इसके लिए तुष्टिकरण की राजनीति, उसका भाव जिम्मेदार है।
अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दलों के वोट बैंक के आधार पर सालों साल तक सत्ता में आने की आदत के कारण देश में तीन तलाक जैसी प्रथाएं चलती रहीं. इस देश के विकास और सामाजिक समरसता के आड़े भी तुष्टिकरण की राजनीति आई है।

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के मुताबिक, उन्होंने कहा, तीन तलाक एक कुप्रथा थी, इसको लेकर किसी के मन में कोई संदेह नहीं है। कुछ दलों ने संसद में बिल का विरोध किया लेकिन उनके दिल के अंदर वे जानते थे कि यह एक गलत प्रथा है जिसे समाप्त करने की आवश्यकता है लेकिन उनके पास ऐसा करने का साहस नहीं था।
शाह ने कहा की वोटबैंक की राजनीति ने देश का बहुत नुकसान किया है। तीन तलाक एक उदाहरण है। देश की समरसता और देशभक्ति के आडे भी ये तुष्टिकरण की राजनीति आई। शार्टकट के जरिए सत्ता पाना भी इस राजनीति की एकवजह है। मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि तीन तलाक बिल केवल मुस्लि’म समुदाय के हित के लिए है, किसी और चीज के लिए नहीं।
Union Home Minister Amit Shah: I would like to make it clear that the triple talaq (Bill) is only for the benefit of the Muslim community, not for anything else. Hindus, Christians, & Jains are not going to benefit by it because they never had to suffer due to it. pic.twitter.com/BZHzoZhomM
— ANI (@ANI) August 18, 2019
कई लोग तीन तलाक पर धर्म की दुहाई देते है। पर पाकिस्तान समेत 19 देशों में तीन तलाक को तलाक दे दिया जिसमें 16 इस्लामिक देश है। शरीयत और इस्लाम में ये जरूरी होता तो इस्लामिक देश इसे क्यों खत्म करते? इसी से पता चलता है कि तीन तलाक गैर इस्लामिक है। तीन तलाक कानून मुस्लि’म समाज के फायदे के लिए है। तीन तलाक शरीयत और कुरान का हिस्सा नहीं है।